और भाई सब कुछ ठीक है ,
या फिर डूबे हुए हो सलमा ,सुषमा के ख्याल में ,
माँ बाप के सपनों के गला रेत प्रतियोगिता में फिर से अव्वल आये हो ,
जो दोस्तों को शराब ,कबाब खिलाये जा रहे थे ?
क्या कहा इन छोटी- मोटी चीजों से तुम्हारा कोई सरोकार नहीं है ,
ओ ,तुम तो लम्बी कश पर कश लगाने वाले सुट्टेबाज हो|
हाँ ,वो तो है ही पर जब तक एक शाम डिस्को में हो-हो हनी सिंह पर नांच नहीं लेते तो मन नहीं लगता
हो -हो हनी सिंह ?
आप नहीं समझिये गा ,ये अपना देसी वर्जन है |
और किस -किस चीज की लत पाल बैठे हो इस जवानी में ,
जी बस कुंवारी कन्याओं को तारने का शौंक है ,
लड़की हंसी तो फंसी |
मतलब बहुत बड़े लफुए हो ,
जी लफुआ ?
भई कुछ नहीं लड़की पटाने वाले फील्ड में सचिन तेंदुलकर को लफुआ कहते हैं|
आप भी न झूठ -मूठ की तारीफ करते हैं ,
क्या करें मुफ्त में तारीफ करने की आदत सी हो गयी है |
कैसे पटाते हो लड़की ?
जी शायरी करते हैं ,
"तेरे हुस्न का हुक्का बुझ गया ,
एक हम हैं की गुरगुराये जाते हैं",
वाह तुम तो ग़ालिब को भी पछाड़ दिए |
पढाई -लिखाई करते हो ?
पढाई -लिखाई तो मूर्खों का काम है , हम तो विद्वान हैं ,
ठांस के बियर पीते हैं और कुम्भकरण की तरह सोते हैं |
बीडी पीजिएगा? रिक्सावाला से मांग कर लाये हैं,
वैसे आप क्या करते हैं?
अरे कुछ नहीं,तुम नहीं समझोगे |
बताइए ना.....
वही मूर्खों वाला काम "पढाई"|
या फिर डूबे हुए हो सलमा ,सुषमा के ख्याल में ,
माँ बाप के सपनों के गला रेत प्रतियोगिता में फिर से अव्वल आये हो ,
जो दोस्तों को शराब ,कबाब खिलाये जा रहे थे ?
क्या कहा इन छोटी- मोटी चीजों से तुम्हारा कोई सरोकार नहीं है ,
ओ ,तुम तो लम्बी कश पर कश लगाने वाले सुट्टेबाज हो|
हाँ ,वो तो है ही पर जब तक एक शाम डिस्को में हो-हो हनी सिंह पर नांच नहीं लेते तो मन नहीं लगता
हो -हो हनी सिंह ?
आप नहीं समझिये गा ,ये अपना देसी वर्जन है |
और किस -किस चीज की लत पाल बैठे हो इस जवानी में ,
जी बस कुंवारी कन्याओं को तारने का शौंक है ,
लड़की हंसी तो फंसी |
मतलब बहुत बड़े लफुए हो ,
जी लफुआ ?
भई कुछ नहीं लड़की पटाने वाले फील्ड में सचिन तेंदुलकर को लफुआ कहते हैं|
आप भी न झूठ -मूठ की तारीफ करते हैं ,
क्या करें मुफ्त में तारीफ करने की आदत सी हो गयी है |
कैसे पटाते हो लड़की ?
जी शायरी करते हैं ,
"तेरे हुस्न का हुक्का बुझ गया ,
एक हम हैं की गुरगुराये जाते हैं",
वाह तुम तो ग़ालिब को भी पछाड़ दिए |
पढाई -लिखाई करते हो ?
पढाई -लिखाई तो मूर्खों का काम है , हम तो विद्वान हैं ,
ठांस के बियर पीते हैं और कुम्भकरण की तरह सोते हैं |
बीडी पीजिएगा? रिक्सावाला से मांग कर लाये हैं,
वैसे आप क्या करते हैं?
अरे कुछ नहीं,तुम नहीं समझोगे |
बताइए ना.....
वही मूर्खों वाला काम "पढाई"|
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